यह समूह सभी अनुसंधान एवं विकास और बाह्य वित्त पोषित परियोजनाओं के प्रभावी नियोजन, निगरानी, ​​मूल्यांकन और परियोजना बजट के लिए संस्थान के मुख्य केंद्र के रूप में कार्य करता है 

पीबीडी संस्थान की अनुसंधान गतिविधियों की मासिक, त्रैमासिक प्रगति की निगरानी करता है और संकलन कर इसे सीएसआईआर को अग्रेषित करता है। पीबीडी सभी परियोजनाओं के प्रोजेक्ट फ़ोल्डर को भी नियमित रूप से बनाए रखता है और अनुसंधान व विकास  परियोजनाओं में हुई प्रगति, भौतिक और वित्तीय दोनों, आंतरिक निगरानी समितियों की सिफारिशों, अनुसंधान परिषद, प्रबंधन परिषद और परियोजनाओं की पूर्ण रिपोर्ट को रिकॉर्ड करता है । इस प्रभाग द्वारा वार्षिक तकनीकी योजना और पंचवर्षीय योजना दस्तावेजों जैसे महत्वपूर्ण तकनीकी प्रकाशनों को प्रकाशित किया जाता है।

सीबीआरआई का पीबीडी समूह प्रत्येक मूल्यांकन के लिए मुख्य रूप से तीन मामलों को एक साथ संभालता है: (a) विज्ञान का प्रकार जो हम करते हैं अर्थात विज्ञान-प्रणाली, जो प्रौद्योगिकियों को विकसित करता है, (b) विज्ञान का सामाजिक संगठन या संगठनात्मक प्रणाली जो अनुसंधान में सहायता करती है और (ग) अनुकूलन और विद्वता प्रणाली। किसी परियोजना का मूल्यांकन मूल रूप से तीन कारकों अर्थात प्रदर्शन, लागत और समय के माध्यम से होता है। एक उचित मूल्यांकन परियोजना की गुणवत्‍ता अथवा महत्‍व के निर्णय में, सुधार में तथा ज्ञान सृजन में सहायक होता है। एक रचनात्मक मूल्यांकन अनुसंधान टीमों को कार्यान्वयन के दौरान परियोजना के समायोजन को सीखने और बनाने, उद्देश्यों और तरीकों को संशोधित करने के लिए सक्षम बनाता है, ताकि परियोजना विकास में वास्तविक योगदान दे सके निगरानी और मूल्यांकन अनुकूली परियोजना प्रबंधन और चिंतनशील सीख की कुंजी है।

पीबीडी, परियोजना टीम/ परियोजना प्रमुखों को  मैनपावर, मैटीरियल, कैपिटल और अन्य वस्तुओं के संदर्भ में इनपुट की लागत का अनुमान लगाने में सहायता प्रदान करता है। यह जीरो आधारित बजट प्रणाली पर आधारित विभिन्न परियोजनाओं / गतिविधियों के लिए संसाधनों को आबंटित करने में प्रबंधन की सहायता करता है । यह परियोजना-वार आवंटन और व्यय के संकलन के लिए अलग-अलग अनुभागों जैसे कि वित्त, क्रय,  प्रशासन और अनुसंधान एवं‍ विकास समूहों के साथ समन्वय करता है और प्रत्येक इन-हाउस आरएंडडी परियोजना के तिमाही मूल्यांकन के माध्यम से आर एंड डी प्रगति की निगरानी भी करता है। समूह बाहरी एजेंसियों द्वारा प्रायोजित परियोजनाओं से संबंधित विभिन्न प्रकार के समझौतों की बातचीत और मसौदा तैयार करने के लिए भी उत्‍तरदायी है।

सीबीआरआई का पीबीडी समूह व्यावसायिक गतिविधियों के समन्वय से संस्थान के वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने के लिए सेवाएं भी प्रदान करता है। समूह सिद्ध प्रौद्योगिकियों के मौजूदा क्षेत्रों में समर्थन करके और तकनीकी विकास की दिशा में नई कंपनियों को आकर्षित करके संस्थान और बाहरी एजेंसियों के बीच एक पुल का कार्य करता है। पीबीडी सार्वजनिक क्षेत्र और निजी उद्यमियों के लिए प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए योजनाबद्ध और व्यवस्थित तरीके से व्यवसाय के नए क्षेत्रों की पहचान और विश्लेषण करता है। संस्थान हितधारकों को अपनी सेवाएं प्रदान करते समय, मुख्य रूप से बाह्य वित्त पोषित परियोजनाओं के मामले में, सेवाओं की गुणवत्ता पर अत्‍यधिक जोर देता है। यह गतिविधि यह निर्धारित करने का एक उपाय है कि गुणवत्ता और सेवा दोनों की आवश्‍यकताओं के संदर्भ में, सेवा या उत्पाद किस स्तर तक ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करता है।

पीबीडी समूह की गतिविधियाँ

पीबीडी समूह मुख्य रूप से निम्नलिखित महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने में योगदान देता है:

  • सभी अनुसंधान एवं विकास और कंसल्टेंसी परियोजनाओं के लिए अलग-अलग फ़ोल्डर रखना ।
  • परियोजनाओं में हुई प्रगति की निगरानी और मूल्यांकन करना।
  • बदलती प्राथमिकताओं, प्रौद्योगिकियों में तेजी से विकास के मद्देनजर परियोजना में सरलतापूर्वक संशोधन / निर्धारण ।
  • संसाधनों (मानव और वित्तीय संसाधन) के सर्वोत्तम उपयोग के लिए संकेतक।
  • ZBB प्रणाली पर परियोजनाओं के लिए वित्तीय संसाधनों की समीक्षा कर और उन्हें आबंटित करना ।
  • संस्थान के लिए पंचवर्षीय योजना और वार्षिक योजना दस्तावेज तैयार करना।
  • अनुबंधित परियोजनाओं के लिए बातचीत में और समझौतों का मसौदा तैयार करने में प्रयोगशाला की सहायता करना ।
  • जनशक्ति तैनाती और एपीएआर

व्यावसायिक विकास के संबंध में, समूह की गतिविधियों में शामिल हैं:

  • बौद्धिक संपदा प्रबंधन

आईपीआर प्रणाली आर्थिक लाभ को बनाए रखने और बढ़ाने हेतु तकनीकी श्रेष्ठता को बनाए रखने के लिए रचनात्मकता को प्रोत्साहित करती है। बौद्धिक संपदा में पेटेंट, कॉपी राइट और डिज़ाइन शामिल हैं। इन गतिविधियों में शामिल हैं:

  • मजबूत आईपी संस्कृति के लिए शोधकर्ताओं को प्रेरित करना।
  • पेटेंट विनिर्देशों का मसौदा तैयार करना।
  • रिकार्ड अपडेट करने के लिए आईपीएमडी, सीएसआईआर के साथ संपर्क।
  • पेटेंट फाइल टैक्‍नोलोजी ट्रांसफर के नॉलेजबेस का विकास और रखरखाव।

सीबीआरआई में विकसित प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण से संबंधित गतिविधियाँ शामिल हैं:

  • एक झलक के लिए प्रौद्योगिकी प्रोफाइल तैयार करना।
  • एनआरडीसी, पीपीडी, सीएसआईआर के साथ संपर्क।
  • सीबीआरआई की प्रौद्योगिकियों में रुचि दिखाने वाले उद्यमियों से बातचीत, विचार-विनिमय और पृष्‍ठपोषण।
  • लाइसेंस समझौते का मसौदा तैयार करना और अंतिम रूप देना।
  • प्रक्रमों का लाइसेंस शुल्क स्थापित करना।
  • रॉयल्टी संग्रह।
  • व्यावसायीकरण के लिए संभावित प्रौद्योगिकियों के डेटाबेस का विकास।
  • ग्राहक संतुष्टि का मूल्यांकन गतिविधियों में शामिल हैं:
  • प्रदान की गई सेवा की गुणवत्ता पर ग्राहक की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए प्रश्नावली तैयार करना।
  • ग्राहक की मूल्यवान प्रतिक्रिया जानने के लिए ग्राहक के साथ संपर्क करना।
  • जहाँ भी आवश्यक हो, प्रक्रमों में सुधार के लिए प्रयोगशाला में वैज्ञानिकों को आवश्यक सुझाव देना।
  • ग्राहक संतुष्टि सूचकांक (CSI) निर्धारण के लिए ग्राहक संतुष्टि मूल्यांकन इकाई(CSEU), CSIR के साथ सहभागिता