कार्बनिक भवन सामग्री प्रभाग 1989 में, कृषि-औद्योगिक अपशिष्ट, सुरक्षात्मक और सजावटी विलेपों, सीलेंट व छत सामग्रियों आदि का उपयोग करके भवनों में उपयोग हेतु वैकल्पिक टिकाऊ भवन सामग्रियों व सम्मिश्रों के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के माध्यम से नवीनतम  गतिविधियों के निर्माण, दोहन एवं प्रोत्‍साहन के दायित्‍व के साथ स्थापित किया गया था। यह विभिन्‍न  कार्बनिक भवन उत्‍पादों पर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के लिए भवन और निर्माण उद्योग के साथ बातचीत को बढ़ाने में भी अपना प्रयास लगा रहा है । इस प्रभाग में कार्य के सभी संबंधित क्षेत्रों में अपने दम पर तथा प्रायोजन के आधार पर अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे के साथ पर्याप्त विशेषज्ञता उपलब्‍ध है । प्रभाग संरचनाओं की मरम्मत, रेट्रोफिटिंग और सुरक्षा के लिए आवश्यक सामग्रियों और तकनीकों के विकास में भी काम कर रहा है।

अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र

  • लकड़ी का विकल्‍प और अन्य भवन उत्पादों और प्रक्रमों का विकास
  • मूल्य वर्धित उत्पाद और प्रक्रम विकास
  • मूल्य वर्धित उत्पादों के विकास केमाध्यम से भवन अनुप्रयोगों हेतु प्लास्टिक कचरे की   रीसाइक्लिंग
  • कृषि-औद्योगिक अपशिष्ट उपयोग
  • सुरक्षात्मक और सजावटी विलेप और फिनिशेज
  • भवन अनुप्रयोग हेतु सीलेंट, आसंजक और जल रोधन प्रणाली
  • मौजूदा संरचनाओं का स्वास्थ्य मूल्यांकन और सेवा जीवन बढ़ाने के लिए निवारक उपाय
  • विशिष्ट अंतिम अनुप्रयोगों के लिए सामग्रियों की उपयुक्तता का आकलन
  • गुणवत्ता नियंत्रण और सुधार के लिए वैकल्पिक और पारंपरिक भवन सामग्रियों का निष्‍पादन मूल्यांकन

उपलब्धियां

(उत्पाद और घटक)

  • ईपीएस दरवाजे के पल्‍ले – 100% लकड़ी प्रतिस्थापन
  • कॉयर-सीएनएसएल बोर्ड – लकड़ी का एक विकल्प (पेटेंट संख्या 186986) – टीआईएफएसी, डीएसटी, नई दिल्ली द्वारा समर्थित
  • कठोर पीवीसी फोमित और गैर-फोमित बोर्ड (अपशिष्ट उपयोग) – बीएमटीपीसी, नई दिल्ली द्वारा समर्थित
  • कागज उद्योग कचरे का उपयोग करते हुए कम घनत्व वाला बोर्ड (पेटेंट नंबर 190173)
  • अरहरडंठल – सीमेंट बोर्ड और पैनल (कृषि-अपशिष्ट उपयोग) – कृषि मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा समर्थित
  • बगास- सीमेंट बोर्ड और पैनल
  • पॉलीटाइल्‍स और पॉलीमर संशोधितसीमेंट ( पॉलीसेम) फर्शी टाइलें
  • कागज उद्योग अपशिष्‍ट का उपयोग करके हल्के भार वाले सैंडविच पैनल
  • कंक्रीट संरचनाओं के लिए एक्रिलिक आधारित कोटिंग (व्यवसायीकृत)

अवसंरचना
सभी विकासात्मक और सहायक गतिविधियों को पूरा करने के लिए अत्‍याधुनिक  बुनियादी ढांचा उपलब्ध है।
उनमें से कुछ प्रमुख हैं:

उपकरण

  • संक्षारण कैबिनेट
  • पर्यावरण चैंबर
  • 2 और 100 टन की क्षमता वाली कम्‍प्‍यूटर नियंत्रित यूनिवर्सल टेस्टिंग मशीन
  • बंद सेल निर्धारण उपकरण का प्रतिशत
  • आर्द्रता चैम्बर
  • एनडीटी विधि द्वारा ताप चालकता, फैलाव औरएफ्यूजिवि‍टी

प्रक्रिया उपकरण

  • एकल स्क्रू और प्रयोगशाला एक्सट्रूडर
  • हाइड्रोलिक प्रेस – गर्म और ठंडा (15-1200 टन)
  • रोटरी हाई प्रेशर डाइजेस्‍टर
  • बॉल मिल
  • दो रोल हॉट मिक्सर
  • रेजिन -फाइबर मिक्स
  • इंजेक्शनमोल्डिंग मशीन आदि
  • मैकेनिकल बीटर औरडे- पिथर

क्षमताएँ

प्रभाग की परियोजनाएं बडी संख्‍या में  DST, NRDC, MBTPC, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, एनसीएल इंडस्ट्रीज, द सुप्रीम इंडस्ट्रीज लिमिटेड,बैकलाइट – हाइलेम लि.; डा. बैक एण्‍ड कं., कृभको, जुआरी एग्रो, एनएफएल, सिंटर प्‍लस्‍ट, आइजेआईआरए, यूनिप्‍लास, बी.टी कम्‍पोजिट्स, एवरेस्‍ट-एटरनिट, बेगुसा प्रा. लि., वाकर मेटरॉक कैमिकल लि. आदि  द्वारा प्रायोजित की जाती हैं ।

प्रभाग निम्‍नलिखित में अनुसंधान एवं विकास, प्रायोजित और परामर्शी परियोजनाएं शुरू कर सकता है: 

विकास

  • वैकल्पिक स्थायी भवन सामग्रियां
  • प्राकृतिक और मानव निर्मितफाइबर के साथ मिश्रित
  • मूल्य वर्धित भवनतंतुओं के लिए कृषि-औद्योगिक अपशिष्ट उपयोग
  • सुरक्षात्मक और सजावटी विलेप
  • सीलेंट और वाटर प्रूफिंग सामग्रियां
  • वैकल्पिक फर्श और छत सामग्री

समर्थित सेवाएं:

  • फिजियो – मैकेनिकल व्‍यवहार के लिए वैकल्पिक  नई पारंपरिक सामग्रियों का निष्‍पादन मूल्यांकन,  आईएसओ, एएसटीएम, बी एस और बीआईएस मानकों के अनुसार
  • संविदा अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं
  • उर्वरकों, रसायनों और समुद्री पर्यावरण या गर्मी से क्षतिग्रस्त हुए आरसीसी और इस्पात संरचनाओं की मरम्मत, पुनर्वास और संरक्षण के लिए उपाय
  • विशिष्ट अंत अनुप्रयोगों के लिए निर्माण सामग्री का गुणवत्ता नियंत्रण और उपयुक्तता मूल्यांकन
  • नई सामग्री के लिए नए मानकों का गठन

तकनीकी कर्मियों का प्रशिक्षण

अधिक जानकारी के लिए कृपया सम्पर्क करें :

डॉ. रजनी लखानी
समूह प्रमुख

कार्बनिक भवन सामग्री समूह
फोन: + 91-1332-283483
ईमेल: rlakhani_cbri @ rediffmail.com